वेनिस फिल्म फेस्टिवल में The Smashing Machine के लिए ड्वेन जॉनसन को 15 मिनट की तालियों से सम्मानित किया गया, emotional और inspiring घटना।
ड्वेन जॉनसन की भावनाओं से भरी जीत: वेनिस फिल्म फेस्टिवल में 15 मिनट तक गूंजे तालियों के स्वर
वेनिस फिल्म फेस्टिवल 2025 का मंच उस रात कुछ और ही माहौल में डूबा था। जब पर्दे पर The Smashing Machine का अंत हुआ, पूरा हॉल खड़ा हो गया। फिर जो हुआ, वो इतिहास में दर्ज हो गया — अभिनेता ड्वेन “द रॉक” जॉनसन के लिए दर्शकों ने लगातार 15 मिनट तक तालियां बजाईं, जो इस साल के फेस्टिवल की सबसे लंबी standing ovation मानी जा रही है।
इस अपार सम्मान के बीच जॉनसन खुद को रोक नहीं पाए — उनकी आँखों से आँसू छलक पड़े। कभी कुश्ती की दुनिया के बादशाह रहे यह सितारा, अब अभिनय के रंगमंच पर भी अपने जज़्बात और मेहनत से दर्शकों का दिल जीत चुके हैं।
“द स्मैशिंग मशीन” — एक पहलवान की कहानी, इंसान की पीड़ा
फिल्म The Smashing Machine मशहूर एमएमए फाइटर मार्क केर की सच्ची कहानी पर आधारित है। यह कहानी केवल रिंग के भीतर की नहीं, बल्कि रिंग के बाहर के संघर्षों की भी है — आदतों, मानसिक स्वास्थ्य और निजी रिश्तों के टूटने की कहानी।
इस फिल्म में ड्वेन जॉनसन ने मार्क केर के जीवन की जटिल भावनाओं को इतनी गहराई से पर्दे पर उतारा कि दर्शक खुद को रोक नहीं पाए। कई समीक्षकों ने इसे उनके करियर की सबसे ईमानदार और संवेदनशील परफ़ॉर्मेंस बताया।
निर्देशक बेनी सफ़दी के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने रियलिज़्म को एक नई ऊँचाई दी है। जॉनसन ने भूमिका के लिए महीनों तक ट्रेनिंग ली, पुराने फाइट फुटेज़ का अध्ययन किया और खुद मार्क केर से मुलाकातें कीं ताकि उनके दर्द, गुस्से और इंसानियत को असली रूप में उकेर सकें।
तालियों के बीच आँसू – एक सच्चे कलाकार की कमजोरी नहीं, ताकत
वेनिस के Palazzo del Cinema में जब लाइट्स जलीं और दर्शक ताली बजाने खड़े हुए, तो ड्वेन जॉनसन मंच पर ऊपर देखते हुए नम आंखों से मुस्कुरा रहे थे। करीब 15 मिनट तक यह तालियां नहीं रुकीं।
उसी पल वे झुककर दर्शकों का आभार व्यक्त करते हुए फूट पड़े — यह एक सुपरस्टार का मानव रूप था, जिसने अपनी मेहनत से दिमाग नहीं, दिल जीता।
बाद में उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह मेरे करियर के सबसे भावनात्मक पलों में से एक है। मैंने अपने अंदर झाँका और खुद को इस किरदार की तरह कमजोर, टूटा हुआ और इंसान पाया।”
उनकी यह पोस्ट कुछ ही घंटे में लाखों लोगों तक पहुँच गई, और फैंस ने इसे “रॉकेट मैन का सबसे रियल मोमेंट” कहा।
ड्वेन जॉनसन: एक्शन हीरो से संवेदनशील अभिनेता तक का सफर
ड्वेन जॉनसन को लंबे समय तक हॉलीवुड के बॉक्स ऑफिस टाइटन के रूप में देखा गया — Fast & Furious से लेकर Jumanji जैसी हिट फिल्मों में उन्होंने अपनी बॉडी और करिश्मे से भीड़ खींची।
लेकिन The Smashing Machine दिखाती है कि जॉनसन केवल एक “पावरफुल फाइटर” नहीं, बल्कि एक “भावनात्मक इंसान” भी हैं। उन्होंने इस किरदार में अपनी दुनिया की सारी सीमाएं तोड़ दीं, और यह दिखा दिया कि असली ताकत अक्सर कमजोरी को स्वीकार करने में होती है।
समीक्षकों की नजर में “ऑस्कर योग्य” प्रदर्शन
हॉलीवुड रिपोर्टर, वेरायटी और बीबीसी जैसी प्रमुख मीडिया संस्थाओं ने जॉनसन के इस प्रदर्शन को “इस साल का ऑस्कर-स्तरीय अभिनय” बताया है।
उनकी आँखों की थकान, चेहरे की टूटन और रिंग के भीतर का जुनून — सब कुछ इतना असली लगा मानो दर्शक खुद उस रिंग में खड़े हों।
वेनिस फेस्टिवल के वातावरण में यह स्पष्ट था कि जॉनसन अब केवल द रॉक नहीं, बल्कि एक गंभीर अभिनय शक्ति बन चुके हैं।
फैंस और इंडस्ट्री का रिएक्शन
सोशल मीडिया पर फैंस ने लिखा, “हमने आज ड्वेन को एक्टर नहीं, इंसान के रूप में देखा।”
कई सेलेब्रिटीज़ ने भी जॉनसन को बधाई दी। हॉलीवुड के दिग्गज टॉम हार्डी और ऐनी हैथवे ने उनके प्रदर्शन को “इंस्पायरिंग” कहा।
भारत से भी प्रतिक्रियाएं आईं — बॉलीवुड सितारों ने ट्वीट किया कि यह परफ़ॉर्मेंस दिखाती है कि हॉलीवुड में अब भावनाओं का नया दौर शुरू हो रहा है।
एक नई पहचान की शुरुआत
वेनिस की यह तालियां केवल एक अभिनेता की जीत नहीं, बल्कि उस इंसान की हैं जिसने हर बार खुद को नया बनाया।
ड्वेन जॉनसन ने The Smashing Machine के ज़रिए यह साबित किया कि असली ताकत मांसपेशियों में नहीं, बल्कि दिल में होती है।
वेनिस की उस रात, सिनेमा ने इंसानियत को महसूस किया — और ड्वेन जॉनसन ने खुद को अमर कर दिया।
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Zeishan Quadri का नाम बॉलीवुड के उन राइटर्स और एक्टर्स में शुमार है जिन्होंने बिना किसी फिल्मी बैकग्राउंड के अपनी पहचान बनाई। बिहार के धनबाद जिले में जन्मे ज़ीशान ने अपने करियर की शुरुआत एक आम युवक की तरह की थी, लेकिन उनके सपनों का दायरा बड़ा था।
उन्होंने दिल्ली में पढ़ाई के बाद मुंबई का रुख किया और बॉलीवुड में किस्मत आजमाने निकले।
